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Monday, May 12, 2008

रवीन्द्र संगीत

8 मई कविवर गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्मदिन है। देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आकाशवाणी हैदराबाद से मैनें भी एक वार्ता दी - गीतांजलि का संदेश।

समाचार पत्रों में विभिन्न जगह आयोजित कार्यक्रमों के समाचार मिले जिनमें से आकर्षक कार्यक्रम था गुरूदेव की भूमि कलकत्ता के विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम जो साहित्य, कला और संगीत से सरोबार रहा।

रवीन्द्रनाथ टैगोर के साहित्य का अनुवाद तो सभी भाषाओं में हुआ। हिन्दी अनुवाद को विविध भारती के हवामहल के अलावा नाटकों में भी सुना और कई-कई बार सुना। बहुत ही सुन्दर नाट्य रूपान्तर और प्रस्तुति। पर खेद है कि कभी भी रवीन्द्र संगीत की चर्चा नहीं हुई।

संगीत सरिता कार्यक्रम रोज़ प्रसारित होता है। वर्षों से प्रसारित हो रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, वाद्य, फ़िल्मी संगीत की जानकारी दी जाती है। कर्नाटक संगीत की भी चर्चा होती है। बहुत ही बारिकी से यह भी बताया जाता है कि शास्त्रीय संगीत के इन दोनों रूपों हिन्दुस्तानी और कर्नाटक की परम्परा क्या है, इनमें समानता और फ़र्क क्या है और फ़िल्मों में इसका प्रयोग कैसा रहा।

यहां तक कि दोनों तरह के संगीत में प्रयुक्त होने वाले वाद्यों की चर्चा भी विस्तार से की जाती है जिसमें जाने-माने संगीतज्ञ भी भाग लेते है। पर शास्त्रीय संगीत के तीसरे रूप रवीन्द्र संगीत की कभी चर्चा नहीं हुई।

मुझे लगता है कि सचिन देव (एस डी) बर्मन और अनिल विश्वास के संगीत पर कुछ तो छाप रवीन्द्र संगीत की होगी। हो सकता है कि मन्ना डे और पंकज मलिक की गायकी पर भी इसका प्रभाव रहा हो। इन सभी कलाकारों पर संगीत सरिता में चर्चा तो की गई पर रवीन्द्र संगीत का कभी नामो-निशान नहीं रहा।

यह आकाशवाणी संस्कृति के बाहर की बात तो नहीं है। कलकत्ता के केन्द्रों से ज़रूर रवीन्द्र संगीत के कार्यक्रम होते होंगें ऐसा मेरा अनुमान है। क्या संगीत सरिता में एक श्रृंखला ऐसी नहीं हो सकती जिससे रवीन्द्र संगीत के बारे में कम से कम आरंभिक जानाकारी मिल जाए ?

3 comments:

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

"Naina Diwane Ek nahee mane " sung by Suraiya ji from Film AFSAR was inspired by Rabindra Nath Tagore's song "Shei din dujone." -- The Hindi lyrics are written by Papa = Late Pandit Narendra Sharma .
The song has the very pretty play with rhymes (and alliteration)
"Jeevan beli kare atakheli,
mehke man ke bakul
priti phool phoole
jhoola jhoole,
chekhe ban bulbul "

Year of Release : 1950

Music : Sachin Dev Burman

Trivia : This song is adapted from Rabindranath Tagore's "Shei din dujone." Hear the original at http://www.musicindiaonline.com/music/s/?q

Anonymous said...

धन्यवाद लावण्या जी !

हो सके तो थोड़ी सी और जानकारी दीजिए जैसे यह रवीन्द्र संगीत में किस राग पर आधारित है।

अन्नपूर्णा

सागर नाहर said...

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